कहानी के अनुसार माया (कंगना रनोट), अभय ( रणदीप हुड्डा), तीस्था (नेहा धूपिया) और कलीम (अंगद बेदी) की एक गैंग है 'उंगली', जो करप्ट लोगों को सबक सिखाने के लिए तैयार की गई है। वे अपने उस दोस्त का बदला लेना चाहते हैं, जो एक करप्ट बिजनेसमैन की वजह से कॉमा में चला जाता है। इस दौरान 'उंगली' गैंग करप्ट लोगों को बहुत ही दिलचस्प सजाएं देता है। जैसे भ्रष्ट पुलिसवाले को नोट खिलाना। वे अपनी इनके वीडियोज बनाकर टीवी चैनल्स पर भी भेजते हैं, जिन्हें देखकर पुलिस-प्रशासन परेशान हो जाता है। पुलिस ऑफिसर्स के किरदारों में नजर आ रहे है संजय दत्त और इमरान हाशमी कैसे उंगली गैंग से निपटते हैं, यह पढ़ने से ज्यादा देखने में मजा आएगा।
करप्शन के मुद्दे पर पहले भी 'सत्याग्रह', 'स्पेशल 26' और 'सिंघम रिटर्न्स' जैसी कई फिल्में आ चुकी हैं और इसी कड़ी में अब आई है 'उंगली', जो चार लोगों के एक गैंग की कहानी है। एक ऐसा गैंग जो करप्ट सिस्टम को सबक सिखाने के लिए अपना एक अलग रास्ता चुनता है। फिल्म का एक डायलॉग है 'जब घी सीधी और टेढ़ी दोनों उंगली से न निकले तो बीच का रास्ता अपनाना पड़ता है'। इस एक डायलॉग को फिल्म की पूरी थीम माना जा सकता है।
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